देश में वर्तमान समय में बढ़ रही अर्थ है की स्थिति और महंगाई को देखते हुए कर्मचारी के द्वारा 8वें वेतन आयोग की मांग की जा रही है और इसे लागू करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं. ऐसे में 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाना आवश्यक हो गया है.
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को 01,01, 2016 को लागू कर दिया गया था, लेकिन उसे समय इसमें कई महत्वपूर्ण मांगों को पूरा नहीं किया गया था.
सातवें वेतन आयोग से निराशा
1 जनवरी 2016 को न्यूनतम वेतन 26000 रुपए करने की मांग की गई थी जिसे केंद्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था. सातवें वेतन आयोग में सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन 18000 रुपए की सिफारिश की थी जो कर्मचारी के लिए बेहद कम था.
इसके अतिरिक्त कर्मचारियों के द्वारा 3.68 परसेंट फिटमेंट फैक्टर की भी मांग सरकार द्वारा की गई जिसे भी नजर अंदाज कर दिया गया जिसमें सिर्फ 2.57 परसेंट की सिफारिश की गई जिससे कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त हुआ.
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और वास्तविकता में अंतर
महंगाई भत्ता पेंशन कर्मियों और कर्मचारियों को वास्तविकता के अनुसार काम दिया जा रहा है . लोगों की आवश्यकता वाली वस्तुओं की कीमतों में 80% की वृद्धि 2016 से 2023 तक हो चुकी है जबकि कर्मचारियों का DA अभी तक 50% किया गया है.
8वें वेतन आयोग की आवश्यकता
मौजूदा समय में कर्मचारियों का कहना है कि 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाए ताकि हम लोगों को उचित वेतन और भट्ट धनराशि तथा पेंशन धनराशि प्राप्त हो सके इसके लिए आयोग का गठन किया जाए और इस पर कर्मचारी अपना प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
8th Pay Commission News
मौजूद सभी बिंदुओं पर ध्यान देते हुए, स्टाफ साइड के सचिव मिश्रा जी ने वित्त मंत्री जी से तत्काल रूप से आठवें वेतन आयोग का गठन करने की डिमांड की है उनका कहना है कि अब सरकार को आठवें वेतन आयोग को गठन करना होगा ताकि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और वह अपने पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ कार्य कर सकें.
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